क्या आप जानते है भगवान गणेश का अर्थ होता है मंगल ग्रह का देवता । शुभ देव। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति विश्वास के साथ विघ्नहर्ता की शरण लेता है, उसके जीवन के सभी संकट गणपति के आशीर्वाद से नष्ट हो जाते हैं ।
इस प्रकार, भक्त विश्वास के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं । लेकिन, ऐसा कहा जाता है कि एकदंत विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं यदि उन्हें अपनी प्रिय पांच चीजें एक कीमत पर दी जाती हैं। इतना ही नहीं इससे भक्तों को मनचाहा फल भी मिलता है। श्री गणेश को कौन से विशेष प्रसाद चढ़ाएं। तो चलिए देखते है…
1. मोदकी के लड्डू
गणेश एक युद्धप्रिय देवता हैं। यानी उन्हें लड्डू बहुत पसंद हैं. श्रीगणेश को बूंदी के लड्डू बेहद पसंद हैं. साथ ही आप उन्हें नारियल, तिल या सूजी के कलछी भी चढ़ा सकते हैं. खासकर उसमें विघ्नहर्ता मोदक के लड्डू की काफी तारीफ करते हैं. इस प्रकार यह मोदक भी अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है। लेकिन, कहते हैं कि जब आप विनायक को यह मोदक लड्डू चढ़ाएं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह शुद्ध घी से बना हो। बेशक, अगर इनमें से कोई भी नहीं किया जा सकता है, तो आप उनका इलाज घी से भी कर सकते हैं।
2. बहुत दूर
सभी भक्त जानते हैं कि एकदंत को दूर्वा अत्यंत प्रिय है। यहां तक कि दूर्वा के बिना विनायक की पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन, गजानन को अर्पित किए गए इस दूर्वा के शीर्ष पर तीन या पांच पंखुड़ियां हों, तो यह और भी उत्तम होगा।
3. केला प्रसाद
श्री गणेश को फल प्रसाद के रूप में केला चढ़ाने की परंपरा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि विघ्नहर्ता में केले हमेशा जोड़े में ही चढ़ाने चाहिए! यानी गणेश जी को केला कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। लेकिन, जोड़े में उन्हें केला खाना चाहिए।
4. सिंदूर
गणेश जी को सिंदूर चढ़ाने की भी परंपरा है। सिंदूर ‘मंगलता’ का प्रतीक है। विघ्नहर्ता को लाल सिंदूर बहुत प्रिय होता है। अर्थात भगवान को नित्य स्नान कराकर लाल सिंदूर चढ़ाएं। इसके बाद अपने सिर पर भी लाल सिंदूर से तिलक करें। आप यह हर रोज़ कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होगी और आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
इन चीजों के अलावा विघ्नहर्ता को सुपारी, साबुत हल्दी, नडाचड़ी और जनोई चढ़ाने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि इन चीजों से एकदंत सविशेश प्रसन्न होते हैं और भक्त के सभी कष्टों का नाश करते हैं। और उसे मनचाहा फल मिलता है।
5. फूल
आचार भूषण ग्रंथ के अनुसार, तुलसीपत्र को छोड़कर भगवान गणेश को सभी प्रकार के फूल चढ़ाए जा सकते हैं। पद्मपुराण आचार्यत्न में यह भी कहा गया है कि “न तुलसी गणधिपम” अर्थात तुलसी के साथ भगवान गणेश की पूजा कभी नहीं करनी चाहिए। बेशक, जसूद का फूल फूलों के बीच उनका खास पसंदीदा माना जाता है। इसलिए गणेश पूजा में इस फूल का प्रयोग करना चाहिए।
6. साबुत हल्दी भी चढ़ाए– इन चीजों के आप अलावा विघ्नहर्ता को सुपारी, साबुत हल्दी, नडाचड़ी और जनोई चढ़ाने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि इन चीजों से एकदंत सविशेश प्रसन्न होते हैं और भक्त के सभी कष्टों का नाश करते हैं। और उसे मनचाहा फल मिलता है।