शिक्षा/नौकरी

बाल विकास 2022: UP TET CTET के बाल विकास के लिए इम्पोर्टेड प्रश्न, विकाश की अवधारणा

विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से सम्बन्ध

परीक्षा के लिए उपयोगी तथ्य
1. विकास गर्भाधान से लेकर जीवन पर्यंत तक चलता है।

2. विकास में होने वाले परिवर्तन शारीरिक, सामाजिक, मानसिक और संवेगात्मक होते हैं।

3. विकास में होने वाले परिवर्तन गुणात्मक होते हैं।

4. विकास क्रम प्राणी को परिपक्व अवस्था प्रदान करता है।

5. विकास परिपक्वता और परिवर्तनों की श्रंखला है।

6. विकास को क्रमिक परिवर्तनों की श्रंखला कहा जाता है। इसके फलस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताओं का उदय होता है और पुरानी विशेषताओं की समाप्ति हो जाती है।

7. विकास में होने वाले परिवर्तन रचनात्मक और विनाशात्मक दोनों प्रकार के होते हैं।

8. प्रारंभिक अवस्था में होने वाले परिवर्तन रचनात्मक होते हैं। पश्च अवस्था में होने वाले परिवर्तन विनाशात्मक होते हैं।

9. रचनात्मक परिवर्तन प्राणी में परिपक्वता लाते हैं और विनाशात्मक परिवर्तन उसे वृद्धावस्था की ओर ले जाते हैं।

10. मानव का शारीरिक विकास दो दिशाओं में होता है मस्तकाधोमुखी विकास और निकट दूर विकास क्रम।

11. मस्तकाधोमुखी विकास सिर से पैर की ओर होता है।

12. भ्रूण अवस्था में पहले सिर का विकास होता है बाद में धड़ तथा निचले भागों का विकास होता है।

13. निकट दूर विकास क्रम में शारीरिक विकास पहले केंद्रीय भागों में प्रारंभ होता है इसके बाद केंद्र से दूर के भागों में होता है।

14. विकास क्रम में कोई भी बालक पहले सामान्य क्रिया करता है इसके बाद विशेष क्रिया की ओर अग्रसर होता है।

15. प्रत्येक बालक की विकास दर तथा प्रतिमानो में व्यक्तिगत भिन्नता पाई जाती है।

16. शरीर के विभिन्न अंगों के विकास की गति समान नहीं होती है।

17. विकास परिपक्वता और शिक्षण दोनों का परिणाम होता है।

18. बालक के विकास में पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संतुलित और पौष्टिक भोजन (प्रोटीन, वसा, खनिज लवण, विटामिन) शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक होता है।

19. बालक के विकास को प्रभावित करने वाले तत्व हैं–

1. पोषण

2. बुद्धि

3. यौन

4. अंतः स्रावी ग्रंथियां

5. प्रजाति

6. रोग एवं चोट

7. घर का वातावरण

8. पास पड़ोस का वातावरण

9. विद्यालय का वातावरण

10. सांस्कृतिक वातावरण

11. शुद्ध वायु एवं प्रकाश

20. शैशवावस्था शिशु के ‘समायोजन की अवस्था’ कहलाती है, क्योंकि इस अवस्था में शिशु गर्भाशय के आंतरिक वातावरण से निकल कर बाह्य वातावरण के साथ समायोजन का प्रयास करता है।

21. विकास के क्रम में शैशवावस्था की मुख्य विशेषताएं हैं-

1. अपरिपक्वता

2. पराश्रितता

3. संवेगशीलता

4. व्यक्तिगत भिन्नता

22. बचपनावस्था की विशेषताएं होती है—-

1. खतरनाक अवस्था

2. अजीबोगरीब अवस्था

3. आत्म निर्भरता की अवस्था

4. उत्तरोत्तर वृद्धि एवं विकास

5. पुनरावृत्ति की प्रवृत्ति

6. आत्म केंद्रित और स्वप्रेमी

7. नैतिकता का अभाव

8. अनुकरण की प्रवृत्ति

9. मानसिक प्रक्रियाओं के विकास में तीव्रता

10. सामाजिक भावना का उदय

23. पूर्व बाल्यावस्था को तीव्र विकास की अवस्था, स्कूल पूर्व की अवस्था, समूह पूर्व की अवस्था और जिज्ञासु प्रवृत्ति की अवस्था कही जाती है।

24. पूर्व बाल्यावस्था में बालक अपनी क्रियाओं में हस्तक्षेप करना पसंद नहीं करता है। वह स्वतंत्र रूप से अपने अनुसार कार्य करना चाहता है।

25. विकास के क्रम में उत्तर बाल्यावस्था को प्रारंभिक स्कूल की आयु, चुस्ती की आयु, गंदी आयु, समूह आयु, सारस अवस्था और नैतिक विकास की आयु इत्यादि की अवस्था कहा जाता है।

26. विकास के क्रम में किशोरावस्था को सुनहरी अवस्था कहा जाता है।

27. किशोरावस्था की प्रमुख विशेषताएं हैं—-

1. यह परिवर्तन की अवस्था है।

2. इस अवस्था में ‘विषमलिंगी भावना’ का विकास होता है।

3. इस अवस्था में बालक में कल्पना की प्रधानता होती है।

4. यह तनाव और परेशानी की अवस्था है।

5. यह पूर्ण वृद्धि की अवस्था कहलाती हैं।

6. यह आत्मनिर्भरता और व्यवसाय चुनने की अवस्था होती है।

28. वृद्धि गर्भावस्था से प्रौढ़ावस्था तक चलती है।

29. वृद्धि में होने वाले परिवर्तन शारीरिक होते हैं।

30. वृद्धि के दौरान होने वाले परिवर्तन मात्रात्मक होते हैं।

31. वृद्धि में होने वाले परिवर्तन रचनात्मक होते हैं।

32. विकास कभी नहीं समाप्त होने वाली प्रक्रिया है, यह निरंतरता के सिद्धांत से संबंधित हैं।

33. विकास एवं वृद्धि के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत के अनुसार निम्न कक्षाओं में शिक्षण खेल विधि पर आधारित होती है।

34. विकास में वृद्धि का तात्पर्य है बालकों में सीखने, स्मरण तथा तर्क इत्यादि की क्षमता में वृद्धि होना।

35. गर्भ में बालक को विकसित होने में 280 दिन लगते हैं।

36. नवजात शिशु का भार 7 पाउंड होता है।

https://topindnews.in/archives/250

सभी स्टूडेंट्स को बता दें कि बेहद जल्द ही आपको इस पेज ओर वेबसाइट पर UP TET, CTET ओर सुपर TET के बारे में सभी जानकारी और सभी STUDY मैटेरियल आपको दे दिया जाएगा, आप बने रहें हमारे साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.